कपास के दाम में उछाल: मुहूर्त पर महंगे दामों पर बिकी फसल, जानें कितना ऊंचा जा सकता है टॉप भाव
कपास की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अच्छी बनी हुई है, जिससे किसानों को अपनी फसल के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद और बढ़ गई है।
मध्य प्रदेश की खरगोन मंडी में सोमवार, 16 सितंबर 2024 को फसलों की खरीदी का शुभ मुहूर्त संपन्न हुआ। इस दिन किसानों को उम्मीद से बेहतर कपास के दाम मिले। मंडी में कपास की फसल की नीलामी शुरू होते ही किसानों को अच्छा भाव मिलने की संभावनाएं नजर आने लगी हैं। बारिश के बावजूद, कपास की नमी के कारण भी इसके दाम पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। किसानों को आशा है कि आने वाले दिनों में कपास के दाम और ऊंचे जाएंगे।
मध्य प्रदेश की खरगोन मंडी देश की सबसे बड़ी कपास मंडी है। यह मंडी 28 एकड़ में फैली है और इसकी क्षमता 600 से अधिक वाहनों और बैलगाड़ियों को समायोजित करने की है। इस मंडी में किसानों ने अपनी सूखी फसल के लिए पहले दिन 7,405 रुपये प्रति क्विंटल का अच्छा भाव प्राप्त किया। मंडी में आने वाले दिनों में कपास के दाम में और वृद्धि होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस साल कपास के दाम 10,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने की संभावना है।
मध्य प्रदेश के खरगोन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर और धार जिलों से किसान कपास मंडी में अपनी फसल लेकर आते हैं। इन सभी जिलों में कपास की खेती का बड़ा हिस्सा है, जिससे इन क्षेत्रों के किसान अपनी उपज को अच्छे भाव पर बेचने की उम्मीद रखते हैं। राज्य में कपास उत्पादन का सबसे बड़ा हिस्सा खरगोन जिले में है, जहां 2.18 लाख हेक्टेयर भूमि पर कपास की खेती की गई है।
कपास की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अच्छी बनी हुई है, जिससे किसानों को अपनी फसल के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद और बढ़ गई है। खरगोन की कपास विदेशों में भी निर्यात की जाती है, जिससे इस क्षेत्र के किसानों को बेहतर अवसर मिलते हैं। इस साल भी कपास की मांग बढ़ने से दाम में तेजी का रुख बना रह सकता है।
कपास समर्थन मूल्य और सरकारी खरीदी की तैयारी
इस साल केंद्र सरकार ने कपास का समर्थन मूल्य 7,500 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जो पिछले साल की तुलना में बेहतर है। सरकार की ओर से दीपावली के आसपास कपास की सरकारी खरीदी (CCI) शुरू होने की संभावना है। सरकारी खरीदी शुरू होने के बाद कपास के दाम में और भी तेजी आ सकती है।
किसानों की उम्मीदें और बाजार की प्रतिक्रिया
किसानों ने मुहूर्त के दिन कपास में नमी होने के बावजूद 7,405 रुपये प्रति क्विंटल का भाव प्राप्त किया। पिछले साल की तुलना में इस बार कपास के दामों में अच्छा सुधार देखा गया है। पिछले साल किसानों को 6,481 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला था, जबकि इस साल के पहले दिन ही 7,885 रुपये प्रति क्विंटल तक का अधिकतम भाव देखा गया।
किसान भाई अपनी फसल का उचित मूल्य मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। कई किसान इस साल अपनी फसल के दाम 10,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने की उम्मीद जता रहे हैं। इसका मुख्य कारण है कपास की बढ़ती मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतों में तेजी।
खरगोन मंडी के पिछले वर्षों के आंकड़े
खरगोन मंडी में पिछले कुछ वर्षों में कपास की आवक और उसके दाम निम्नानुसार रहे हैं:
वर्ष | आवक (क्विंटल) | न्यूनतम भाव (रुपये/क्विंटल) | अधिकतम भाव (रुपये/क्विंटल) |
---|---|---|---|
2019-20 | 11,08,495 | 1,500 | 6,340 |
2020-21 | 10,03,449 | 1,700 | 7,000 |
2021-22 | 7,58,198 | 4,178 | 9,731 |
2022-23 | 7,13,484 | 5,000 | 9,582 |
2023-24 | 11,22,238 | 2,350 | 8,015 |
इन आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल कपास के दाम में और तेजी आने की संभावना है।
मंडी में उत्साह और भविष्य के अनुमान
मंडी के मुहूर्त पर व्यापारियों और किसानों में खासा उत्साह देखने को मिला। नीलामी के पहले दिन कपास के अच्छे दाम मिलने से किसानों को इस साल भी बेहतर भाव मिलने की उम्मीद जगी है। नमी के बावजूद कपास का अच्छा भाव मिलने से किसानों में सकारात्मकता का माहौल है।
इस साल कपास की खेती का रकबा बढ़ने और बाजार में कपास की मांग बढ़ने से इसके दाम में और उछाल आने की संभावना जताई जा रही है। खासकर दीपावली के बाद सरकारी खरीदी शुरू होने पर कपास के दाम और ऊंचे जाने की उम्मीद है।
इस प्रकार, किसानों के लिए यह साल फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि कपास की फसल की अच्छी मांग और बेहतर दाम मिलने से वे अपनी मेहनत का पूरा लाभ प्राप्त कर सकते हैं